Karo jo baat karni hai
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मुझे एक शौक है वैसे....मुझे अपनी आवाज़ से बहुत प्यार है .. ..तो मैं क्या करता हूँ की अपने कुछ ख़ास पसंदीदा शेर या कलाम अपनी आवाज़ में रेकॉर्ड करके रख लेता हूँ....फिर कभी खाली वख्त मिलने पर उन्हें सुनने का मज़ा ही कुछ और है...मुझे जितना सुकून अपनी आवाज़ सुनने में आता है , शायद ही ऐसा कोई और मर्ज़-ऐ-तन्हाई है मेरा....
आप सभी ख्वातीन-ओ-हजरात की तौकीर में सख्त जानी अपने कुछ मिसरे पेश करता है...सुनकर अपनी राय ज़रूर लिखें ,
तलबगार -ऐ - मुहब्बत,
सुखनवर सख्त
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